
एक लंबे और थका देने वाले अध्याय के बाद, भारत में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार तीसरे दिन गिरावट ने थोड़ी राहत की हवा चलाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में सिर्फ 6,836 सक्रिय केस बचे हैं — यानी वायरस अब या तो थक गया है, या जनता की इग्नोरिंग से उसे दिल टूट गया है।
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केरल बना ‘कोविड कम करने का कैप्टन’, दिल्ली भी बोली – “थैंक यू, नो मास्क!”
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि केरल ने बाज़ी मारी है, जहाँ 261 मामलों में गिरावट आई है। दिल्ली ने भी 94 केस घटाकर बताया कि अब सर्दी-खांसी पर लोग “ओ माइ गॉड कोविड है!” नहीं चिल्ला रहे।
अन्य राज्यों में भी गिरावट का ग्राफ कुछ इस प्रकार है:
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गुजरात: -185 केस
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महाराष्ट्र: -28 केस
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आंध्र प्रदेश: -18 केस
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सिक्किम: -13 केस
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असम: -3 केस
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और तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा: 1-1 केस की मामूली विदाई
‘पैनिक बटन’ की जगह अब ‘चाय की चुस्की’: राज्यों में हालात कैसे?
कुछ प्रमुख राज्यों में अभी भी थोड़ी निगरानी बनी हुई है:
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कर्नाटक: 696 सक्रिय केस
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उत्तर प्रदेश: 278
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राजस्थान: 251
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तमिलनाडु: 222
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हरियाणा: 103
हालांकि संख्या कम हो रही है, लेकिन – “बिना मास्क घूमना मत समझिए कि कोरोना ने आपको Unfollow कर दिया है।”
राहत है, लेकिन ग़फलत मत करना वरना कोविड फिर से इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगेगा
बूस्टर डोज़, टेस्टिंग और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच आज भी ज़रूरी है। मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग अब आदत बन जाए तो अच्छा है – जैसे चाय के साथ बिस्कुट।
भारत में कोविड की स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन ‘Complete Victory’ का पोस्टर छापना अभी जल्दबाज़ी होगी। इस बार राहत है, अगली बार सतर्कता और समझदारी ज़रूरी है। क्योंकि वायरस जब रिटर्न मारता है, तो सिक्वल हमेशा ज़्यादा डरावना होता है।